बुधवार, 3 जून 2009







ओ मेरे देश के बसैया हिन्दी को अपनाओ रे


ओ हिंदुस्तान के बसैया हिन्दी को अपनाओ रे

जय-जय हिन्दी का नारा मिल सभी लगाओ रे

ओ मेरे देश के बसैया हिन्दी को अपनाओ रे



हिन्दी जन-जन के अंतर में प्रेम सुधा बरसाती है

नूतन नव लिए जोत ज्ञान की जीवन धन्य बनाती है

गहन तिमिर मन के हरने को आशा दीप जलाती है

चेतन और अचेतन वासी ईश्वर दरस कराती है

हिन्दी दुर्गा हिन्दी काली सरस्वती कल्याणी है

हिन्दी ब्रह्मा विष्णु शिव की महाशक्ति क्षत्राणी है

हिन्दी लक्ष्मी पार्वती हिन्दी कमला कल्याणी है

तो शब्द-ब्रह्म की शाश्वत पुत्री और सनातन वाणी है

हिन्दी माँ की ममता छैंया ना बिसराओ रे

ओ मेरे देश के बसैया हिन्दी को अपनाओ रे



हिन्दी संस्कृत की तनया ये नित-नित नई नवेली है

गुजरती कन्नड़ मलयालम या बोली बुन्देली है

तमिल मराठी बंगला उर्दू पंजाबी अलबेली है

तो हिन्दुस्तानी हर भाषा हिन्दी की सखी सहेली है

हिन्दी पावन गंगा गोता सभी लगाओ रे

ओ मेरे देश के बसैया हिन्दी को अपनाओ रे



हिन्दी मन की भाषा हिन्दी जन-जन की अभिलाषा हो

नई सदी नव युग में हिन्दी नव चेतन की आशा हो

कोटि-कोटि जन प्रेम करे अब ऐसी कुछ परिभाषा हो

हिन्दी के मस्तक पर छाया अब तो दूर कुहासा हो

हिन्दी अपनी भाषा अपनी संस्कृति का सम्मान करो

साधक बन ऋषियों मुनियों के सपनो को साकार करो

और पतित ना हो नव युग में कुछ ऐसे संस्कार भरो

अलंकार रस छंदों से अब हिन्दी का श्रृंगार करो

तो सौ करोड़ सब मिल हिन्दी को तिलक लगाओ रे

ओ मेरे देश के बसैया हिन्दी को अपनाओ रे




जय-जय हिन्दी का नारा मिल सभी लगाओ रे

ओ मेरे देश के बसैया हिन्दी को अपनाओ रे





यह कविता rahulkyonki की नहीं है.


शनिवार, 21 मार्च 2009





नया साल मुबारक











नयी ख़ुशी संग नयी जिंदगी, नयी लय और नयी ताल मुबारक

नयी किरण और नयी सुबह, नया मौसम नया साल मुबारक



आओ ढूँढें नयी राहें, जो मंजिल तक ले जाये हमें

करूँ कामना ईश्वर से मैं, मिल जाये अब दिलदार तुम्हे

दिल की हसरत पाने को, नए कदम नयी चाल मुबारक

नयी किरण और नयी सुबह, नया मौसम नया साल मुबारक



ग्रहों की करवट भी बदले, मिले सफलता का आकाश

जहाँ की सारी खुशियाँ तेरी, और तेरा हर गम मेरे पास

नए सपने और नया कल, सितारों की नयी चाल मुबारक

नयी किरण और नयी सुबह, नया मौसम नया साल मुबारक



नए सांस, धड़कन भी नयी है, नयी खुशबू और नया है गीत

बसंत २४ वाँ आने वाला, पर जाने होगी कब जीत

सुख शांति की छाँव तले, घायल दिल का हाल मुबारक

नयी किरण और नयी सुबह, नया मौसम नया साल मुबारक



नए साल में नयी दुआएं, भूलें हम बीतें कल को

भूलों सब कुछ पर मत भूलो, अपने प्यार के हर पल को

नयी उमंगें नयी अंगडाई, खिले होंठ और गाल मुबारक

नयी किरण और नयी सुबह, नया मौसम नया साल मुबारक



नए रंग जीवन में हों, "RAHUL" तन-मन से हो एक

"KYONKI" प्यार पाने को अब, लक्ष्य को अपने मन में टेक

"KYONKIRAHUL" जीवन साथी, ईश्वर का यह कमाल मुबारक

नयी किरण और नयी सुबह, नया मौसम नया साल मुबारक

गुरुवार, 19 मार्च 2009

WOH SHAKHSHA


लौट के ना आने वाले की, 
राह तकना बेकार ही है, 
मौका जो हाथ से छूट गया, 
तो हाथ मलना बेकार ही है.
दिल के एक कोने में कोई, 
तस्वीर को मेरी गढ़ जो सके,
ऐसा भी कोई शख्स तो होगा, 
आँखों को मेरी पढ़ जो सके,
जो पढ़ ना सके इन आँखों को,
उसे लिखना भी बेकार ही है,
मौका जो हाथ से छूट गया,
तो हाथ मलना बेकार ही है.
दिल की ख्वाहिश पाने को,
मन की शमा जलती ही रही,
एक दिन मंजिल मिल जायेगी,
सोच के साँसे चलती ही रही.
नामालूम मंजिले हों तो,
राह चलना बेकार ही है,
मौका जो हाथ से छूट गया,
तो हाथ मलना बेकार ही है. 
एक-एक बूँद के लिए पपीहा,
जीता है दम को तोड़-तोड़,
उड़ता चंदा के लिए चकोर,
अपनी हिम्मत को जोड़-जोड़.
परवाने का ग़र दर्श न हो,
तो शमा का जलना बेकार ही है,
मौका जो हाथ से छूट गया,
तो हाथ मलना बेकार ही है.
चाहत मेरी संग उसके यूं,
तडपे जैसे जल बिन मीन,
उसके साथ मै सर्वश्रेष्ठ और,
सच मानो बिन उसके हीन.
छलता है ग़र मुझको वो,
तो छलना ये बेकार ही है,
मौका जो हाथ से छूट गया,
तो हाथ मलना बेकार ही है.
जिस शख्स के गुलशन में मेरे,
अरमानों का सावन बरसे,
सोलह आने सच ये भी है,
मिलने को मुझसे वो भी तरसे.
"KYONKIRAHUL" निंद्रा टूटी,
तो ऊंघना फिर बेकार ही है,
मौका जो हाथ से छूट गया,
तो हाथ मलना बेकार ही है.